Wednesday, July 22, 2009

पुकार

पहिल्यांदाच हिंदिमध्ये लिहायचा प्रयत्न आहे. माहित नाहि किती यशस्वी होतोय ते?
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युध्द - ज्वर का यज्ञ हो, हो विजय कि आरती।
रक्त का अभिषेक हो, मॉं भारती पुकारती। - १

व्युहसे न डर तु पार्थ, कृष्ण जब हो सारथी।
चाप फिरसे कर में ले, मॉं भारती पुकारती। - २

तीर का न क्षय तेरे, तु हि राम भू-पती।
अश्वमेध यज्ञ कर, मॉं भारती पुकारती। - ३

राष्ट्रगान मंत्र गर, न होगी राष्ट्र दुर्गती।
ले सृजन का ध्यास तू, मॉं भारती पुकारती। - ४

- सौरभ वैशंपायन.